मदर्स डे (Mother’s Day) यानी मई के दूसरे रविवार को सेलिब्रेट किया जाने वाला दिन जो सिर्फ माँ के लिए है। इस दिन परिवार के सभी सदस्य अपनी माँ को उपहार देकर सम्मानित करते है। हर शख्स के लिए माँ बहुत खास होती है जो हमारे जन्म से लेकर अंतिम साँस तक वो एक छोटे बच्चे की तरह ख्याल रखती है। चाहें हम कितने ही बड़े क्यों न हो जाएं।
हम अपने जीवन में माँ के योगदान नहीं गिना सकते। माँ वो है जो अपने बच्चे के लिए खुद परेशान होती है लेकिन अपने बच्चे को खुश रखती है। इसलिए माँ के योगदान को नहीं भूल सकते क्योकि वो हर दिन अपने बच्चे को एक नया योगदान देती है। हर मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में क्यों मनाया जाता है। चलिए जानते हैं है मदर्स डे (Mother’s Day) के इतिहास के बारे में ये दिन कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है।
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Mother’s Day | मदर्स डे की शुरुआत कैसे हुई ?
इसकी शुरुवात की बात करें इस दिन की शुरुआत को यूनानी व् रोमन में 100 वर्ष पूर्व हुई थी। पहले के दिनों में स्य्बेले ग्रीक (देवताओं की मां) को सम्मानित करने के लिए इस दिन को मनाते थे। प्राचीन कल में रोम के लोग बसंत में अपने इष्ट देव की पूजा आराधना किया करते थे। रोम इस दिन माताओं को उपहार देकर सम्मानित किया जाता था।
यूरोप और ब्रिटेन में प्राचीन परम्पराओं के तहत एक विशेष रविवार को माताओं को सम्मानित किया जाता था। माताओं के सम्मान वाले इस दिन को मदरिंग संडे के नाम से जाना जाता था। कैथोलिक कैलेंडर के अनुसार ईसाई क्राइस्ट की माँ मरियम और मदर चर्च को सम्मानित करने के लिए इस दिन को महीने के चोथे रविवार को सेलिब्रेट किया जाता था।
इस दिन को मनाने श्रेय अमेरिका की ऐना जारविस को जाता है। 1908 में ऐना जारविस ने अपनी माँ की याद में वर्जिना के एक चर्च में शहीद स्मारक बनवाकर उनको सम्मानित किया। क्योकि उन्होंने अपनी माँ के उन शब्दों को याद रखा, जब वह छोटी थी तब उनकी माँ ने ये कहा कि एक दिन ऐसा भी आएगा जब माँ को सम्मान देने के लिए समर्पित होगा। उस दौर में सिर्फ पुरुषों को सम्मान देने के लिए पितृ दिवस मनाया जाता था। इसके बाद ऐना जारविस द्वारा सभी माताओं और उनके मातृत्व के लिए इस दिन को मानाने की घोषणा की। तब से ये दुनिया के तमाम देशों में मदर डे को अलग अलग दिन मनाया जाता है।
एना के द्वारा किये गए प्रयासों के चलते 1911 में इसे लोकल हॉलिडे घोषित कर दिया गया। इसके बाद 8 मई, 1914 को संयुक्त राज्य अमेरिका की संसद ने मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने के रूप में घोषित कर दिया। जिसकी घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति वूड्रो विल्सन द्वारा की गयी और इस दिन को नेशनल हॉलिडे का दर्जा दिया गया।
आज एना जारविस के प्रयास कारण ही मदर्स डे को मनाया जाने लगा। इस दिन को भारत के अलावा लगभग 46 देशों में माँ के सम्मान के लिए सेलिब्रेट किया जाता है।
Mothers Day | मदर्स डे मनाने का महत्व
ये दिन माँ को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। माँ होना हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है क्योकि माँ वो शख्सियत है जो होता है अपने बच्चे की खुशी के खातिर सारी दुनिया से लड़ सकती है। माँ जो बिना किसी निस्वार्थ के अपने बच्चे को जन्म से लेकर उसके बड़ा होने तक खुद हर दर्द सहकर और उसको ख़ुशी देकर कामयाब बनाती है। मां का आँचल जो अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। इसलिए हमे इस दिन के महत्त्व को समझकर माँ को सम्मानित करना चाहिए।
भारत में मदर्स डे कैसे सेलिब्रेट किया जाता है?
अमेरिका के साथ साथ भारत में हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन सभी लोग अपनी माँ को बधाई के साथ साथ उपहार देकर सम्मानित करते हैं। घर पर सब लोग एक साथ होकर माँ के लिए इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं।
जब माँ अपनी जिम्मेदारियों को बिना रुके, थके बिना और बिना किसी निस्वार्थ के निभाती हैं। हमे सक्सेसफुल बनाने में उनके योगदान के बदले हम उन्हें कुछ भी वापस नहीं कर सकते। लेकिन हाँ हम अपनी माँ को प्यार और सम्मान जरूर दे सकते हैं। एक बात और ये प्यार सम्मान हमे केवल इस दिन ही नहीं वल्कि हर दिन अपनी माँ को प्यार और सम्मान देना चाहिए।
अधिकतर लोग सोशल नेटवर्किंग के जरिये इस दिवस को सेलिब्रेट करते हैं। अपनी माँ को मदर डे wishes भेजकर उनका सम्मान करते हैं।
माँ के लिए कुछ अनमोल बातें
- माँ वो है जो हमें जीने के साथ साथ जिंदगी का महत्व बताती है।
- जन्म से लेकर आखिरी साँस तक प्यार करने वाली सिर्फ माँ है। जो हमारे एक स्पर्श से पहचान जाती है।
- उसके लिए बच्चे छोटे हो या बड़े अपने बच्चे की चिंता करने वाली सिर्फ माँ होती है।
- स्कूल की शिक्षा से पहले माँ ही अपने बच्चे को जीवन का पाठ सिखाती है।
- अपने बच्चे का रिजल्ट आने पर सबसे ज्यादा खुश होने वाली माँ है।
- जो हमारी परेशानी को बिना जाने समझ जाये वो माँ होती है।
- बच्चे के बीमार होने पर रात भर बिना सोये देखभाल सिर्फ एक माँ ही कर सकती है।