Engineers Day | 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे क्यों मनाया जाता है?

Engineers Day: दोस्तों, आज हर क्षेत्र में इंजीनियर को बहुत महत्व दिया जाता है। क्योंकि आज इंजीनियरों के कारण ही बहुत सारी तकनीक विकसित हो गई है। मशीन से लेकर बिल्डिंग तक हर जगह एक इंजीनियर की जरूरत होती है। जैसा कि आप जानते हैं – हर साल 15 सितंबर को Engineers Day के रूप में मनाया जाता है। आज का आर्टिकल सभी इंजीनियर के लिए कि इंजीनियर्स डे क्या है और ऐसा क्या है जो हर वर्ष 15 सितंबर को इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है?

दोस्तों, आज हर इंजिनियर की यही चाहत होती है, कि वो एक अच्छा इंजिनियर बन सके। इस बात को मैं बहुत ही अच्छे से समझ सकता हूँ। क्योकि मैं भी पेशे से एक सिविल इंजीनियर हूँ। एक काबिल इंजीनियर अपने क्षेत्र का मास्टर होता है। उसके द्वारा विकसित की गयी तकनीक के माध्यम से हर क्षेत्र में कोई भी कार्य किया जाता है। आज हम सिर्फ इंजीनियर दिवस के बारे में बात करने जा रहे हैं। क्योकि 15 सितंबर का दिन इंजीनियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है।

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Engineers Day 2022 | इंजीनियर्स डे क्यों मनाया जाता है?

15 सितम्बर को महान व्यक्ति सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Sir Mokshagundam Visvesvaraya) का जन्म हुआ था, जो एक महान इंजीनियर थे। जिन्होंने सिविल ब्रांच से इंजीनियर की डिग्री हासिल की थी। उनके जन्म दिन पर उन्हें और दुनिया के सभी इंजीनियर को सम्मान देनें के लिए इस दिन को अभियंता दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है।

सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया बहुत ही महान इंजीनियर थे, जिनकी सफलता और ज्ञान के कारण उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। हमें अपने देश में ऐसे महान इंजीनियरों पर गर्व है। ये समय के ऐसे पाबंद से जो कभी 1 मिनट भी लेट नही हुए ।

जिस तरह शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए शिक्षक दिवस, डॉक्टरों को सम्मानित करने के लिए डॉक्टर दिवस, माताओं को सम्मानित करने के लिए मदर्स डे, पिता को सम्मानित करने के लिए फादर्स डे, उसी तरह, भारत में 15 सितंबर को उनके योगदान और इंजीनियरों को सम्मानित करने के लिए Engineers Day मनाया जाता है।

सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।

दोस्तों उनके जीवन की कुछ रोचक बातों के बारे में जानते हैं। सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1860 को कर्नाटक के कोलार जिले के चिक्काबल्लापुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता श्रीनिवास शास्त्री संस्कृत के बहुत बड़े विद्वान होने के साथ साथ एक आयुर्वेदिक चिकित्सक भी थे। जब सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया केवल 12 वर्ष के थे, तब उनके पिता की मृत्यु हो गई । घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण, उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने जन्मस्थान स्थित एक प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की।

इसके बाद उन्होंने बैंगलोर के सेंट्रल कॉलेज में दाखिला लिया। उन्होंने वर्ष 1881 में बीए की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उसके बाद मैसूर सरकार और अपनी कड़ी मेहनत के कारण उन्हें इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पुणे के इंजीनियर कॉलेज में दाखिला लिया। सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्होंने LCE और FCE परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उनकी योग्यता को देखते हुए, महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें नासिक में सहायक अभियंता के पद पर नियुक्त किया।

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Engineers day

कड़ी मेहनत और सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद, उन्हें मुंबई के पीडब्ल्यूडी में नौकरी मिल गई। उन्होंने अपने नए प्रोजेक्ट पर कड़ी मेहनत की और कुछ नए आविष्कार किए जो बहुत महत्वपूर्ण थे। उनके महत्वपूर्ण कार्यों में कन्नमबाडी या कृष्णराज सागर बांध, विशालकाय मैसूर चीनी मील, वृन्दावन गार्डन जो काफी फेमस हैं।

भारत राष्ट्र के लिए उनके इस महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए, 1955 में भारत सरकार द्वारा उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। 100 वर्ष की उम्र होने के बाद, भारत सरकार ने उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया। सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने 14 अप्रैल 1962 को अंतिम सांस ली। इसलिए हर वर्ष 15 सितम्बर को उनके सम्मान में इस दिन को इंजीनियर्स डे के रूप में मनाया जाता है।

Engineers Day कैसे मनाया जाता है?

दोस्तों, इंजीनियर्स डे पर हर साल 15 सितंबर को कॉलेज, कार्यालय, संस्थान में हर एक इंजीनियर एक दुसरे को उपहार और सम्मान देकर सम्मानित करते हैं। कॉलेज में छात्र अपने इंजीनियर टीचर को उपहार देकर सम्मानित करते हैं। इस दिन, प्रत्येक इंजीनियर एक-दूसरे को बधाई के साथ साथ उसके प्रगति की कामना करता है। इस दिन हर एक कॉलेज में इंजीनियर छात्र कॉलेज में संयुक्त कार्यक्रम भी करते हैं।

इसके अलावा जैसा कि आप जानते हैं, सोशल मीडिया के इस दौर में लोग हर एक स्पेशल दिन को अपने फ्रेंड्स को सोशल मीडिया पर बधाई देकर सेलिब्रेट करते हैं। उसी तरह इस दिन को हर एक इंजीनियर अपने दोस्तों को सोशल मीडिया के जरिये सन्देश, पोस्ट, wishes इमेज के साथ सेलिब्रेट करते हैं। सभी इंजीनियर सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे को अच्छे भविष्य की शुभकामनाएं भी देते हैं।

दोस्तों ये बात भी बिल्कुल सच है – किताबें रखने से कोई इंजीनियर नहीं बनता। हां, किताबों और किताबी ज्ञान को वास्तविक रूप देकर, निश्चित रूप से इंजीनियर बन जाते हैं। दुनिया के समस्त इंजीनियर को ऑनलाइन हिंदी क्लिक की तरफ से Engineers Day की हार्दिक शुभ कामनाएं।

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Saleem Khan
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