Chief Justice of India List: भारत के मुख्य न्यायाधीशों की सूची (1950 – 2024)

Chief Justice of India List in Hindi: भारत का न्यायिक तंत्र अपने संविधान की सुरक्षा और न्याय की स्थापना के लिए जाना जाता है। इस प्रणाली में सबसे महत्वपूर्ण पद भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) का होता है, जिन्हें देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट का नेतृत्व करने का अधिकार होता है। मुख्य न्यायाधीश न केवल न्यायिक मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि न्यायपालिका की प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ भी निभाते हैं।

इस लेख में हम भारत के मुख्य न्यायाधीशों की सूची, उनके कार्यकाल और उनके प्रमुख कर्तव्य और जिम्मेदारियाँ जो भारतीय संविधान और न्याय प्रणाली को दिशा देने में अहम भूमिका निभाते हैं के बारे में जानेंगे।

भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद

भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) का पद भारतीय न्याय प्रणाली में सर्वोच्च स्थान रखता है। यह पद 1950 में संविधान लागू होने के साथ अस्तित्व में आया, और इसका प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 124 में किया गया है। मुख्य न्यायाधीश न केवल देश की सर्वोच्च अदालत, सुप्रीम कोर्ट, का नेतृत्व करते हैं, बल्कि न्यायपालिका के सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल उस समय तक होता है जब तक वे 65 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेते, या फिर इससे पहले सेवानिवृत्त नहीं हो जाते। उनकी नियुक्ति Supreme Court Collegium System के तहत होती है, जो एक पारदर्शी और संरचित प्रणाली है, जिसमें वरिष्ठ न्यायाधीशों का एक समूह प्रमुख न्यायिक पदों के लिए सिफारिश करता है।

इस पद की महत्वपूर्ण भूमिका संविधान की रक्षा और न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता बनाए रखने में होती है, जिससे देश में कानून और न्याय का शासन कायम रह सके।

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प्रमुख कर्तव्य और जिम्मेदारियाँ

भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) का पद भारतीय न्याय व्यवस्था में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था, सुप्रीम कोर्ट, का नेतृत्व करते हैं। उनके पास कई महत्वपूर्ण कर्तव्य और जिम्मेदारियाँ होती हैं:

  • न्यायिक मामलों की अध्यक्षता: मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक मामलों की अध्यक्षता करते हैं, विशेष रूप से उन मामलों में जो संवैधानिक मुद्दों या महत्वपूर्ण कानूनी सवालों से संबंधित होते हैं।
  • न्यायपालिका का प्रशासनिक प्रबंधन: मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के प्रशासनिक कार्यों का प्रबंधन भी करते हैं, जिसमें अदालतों की कार्यवाही का संचालन और मामलों का सुचारू निपटारा सुनिश्चित करना शामिल है।
  • जजों की नियुक्ति: मुख्य न्यायाधीश की भूमिका Supreme Court Collegium System का नेतृत्व करने की भी होती है, जिसके तहत उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की जाती है।
  • संविधान की रक्षा: मुख्य न्यायाधीश की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी यह भी है कि वे भारतीय संविधान की रक्षा करें और सुनिश्चित करें कि न्यायिक प्रक्रिया संविधान के अनुरूप हो।
  • महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा: वे महत्वपूर्ण संवैधानिक और कानूनी मुद्दों पर अंतिम निर्णय लेने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिनका असर पूरे देश पर पड़ता है।

मुख्य न्यायाधीश का पद न केवल न्यायिक फैसलों में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि न्याय प्रणाली की कार्यप्रणाली को भी सुचारू रखने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

भारत के मुख्य न्यायाधीशों की सूची – Chief Justice of India List (1950 – 2024)

यहाँ पर कुछ प्रमुख मुख्य न्यायाधीशों की सूची दी गई है, जिन्होंने भारत की न्यायपालिका को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है:

S. No. नाम कार्यकाल
1 हरिलाल जे. कानिया 26 जनवरी, 1950 से 6 नवम्बर, 1951
2 एम. पतंजलि शास्त्री 7 नवम्बर, 1951 से 3 जनवरी, 1954
3 मेहरचंद महाजन 4 जनवरी, 1954 से 22 दिसम्बर, 1954
4 बी. के. मुखर्जी 23 दिसम्बर, 1954 से 31 जनवरी, 1956
5 एस. आर. दास 1 फरवरी, 1956 से 30 सितम्बर, 1959
6 भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा 1 अक्टूबर, 1959 से 31 जनवरी, 1964
7 पी. बी. गजेंद्रगडकर 1 फरवरी, 1964 से 15 मार्च, 1966
8 ए. के. सरकार 16 मार्च, 1966 से 29 जून, 1966
9 के. सुब्बाराव 30 जून, 1966 से 11 अप्रैल, 1967
10 के. एन. वांचू 12 अप्रैल, 1967 से , 24 फरवरी 1968
11 एम. हिदायतुल्ला 25 फरवरी, 1968 से 16 दिसंबर, 1970
12 जे. सी. शाह 17 दिसम्बर, 1970 से 21 जनवरी, 1971
13 एस. एम. सीकरी 22 जनवरी, 1971 से 25 अप्रैल, 1973
14 ए. एन. रे 26 अप्रैल, 1973 से 28 जनवरी, 1977
15 एम. एच. बेग 29 जनवरी, 1977 से 21 फरवरी, 1978
16 वाई. वी. चंद्रचूड़ 22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985
17 पी. एन. भगवती 12 जुलाई, 1985 से 20 दिसम्बर, 1986
18 रघुनन्दन स्वरूप पाठक 21 दिसम्बर, 1986 से 18 जून, 1989
19 ई. ए. वेंकटरमैया 19 जून, 1989 से 17 दिसम्बर, 1989
20 एस. मुखर्जी 18 दिसम्बर, 1989 से 25 सितम्बर, 1990
21 रंगनाथ मिश्र 26 सितम्बर, 1990 से 24 नवम्बर, 1991
22 के. एन. सिंह 25 नवम्बर, 1991 से 12 दिसम्बर, 1991
23 एम. एच. कानिया 13 दिसम्बर, 1991 से 17 मार्च, 1992
24 एल. एम. शर्मा 18 मार्च, 1992 से 11 फरवरी, 1993
25 एम. एन. वेंकटचलैया 18 फरवरी, 1993 से 24 अक्टूबर, 1994
26 ए. एम. अहमदी 25 अक्टूबर, 1994 से 24 मार्च, 1997
27 जे. एस. वर्मा 25 मार्च, 1997 से 17 जनवरी, 1998
28 एम. एम. पुंछी 18 जनवरी, 1998 से 9 अक्टूबर, 1998
29 आदर्श सेन आनंद 10 अक्टूबर, 1998 से 3 अक्टूबर, 2001
30 एस. पी. भरुचा 1 नवम्बर, 2001 से 5 मई, 2002
31 बी. एन. किरपाल 6 मई, 2002 से 7 नवम्बर, 2002
32 गोपाल बल्लभ पटनायक 8 नवम्बर, 2002 से 18 दिसम्बर, 2002
33 वी. एन. खरे 19 दिसम्बर, 2002 से 1 मई, 2003
34 एस. राजेन्द्र बाबू 2 मई, 2003 से 31 मई, 2004
35 रमेश चंद्र लाहोटी 1 जून, 2004 से 31 अक्टूबर, 2005
36 योगेश कुमार सब्बरवाल 1 नवम्बर, 2005 से 13 जनवरी, 2007
37 के. जी. बालकृष्ण 14 जनवरी, 2007 से 11 मई, 2010
38 एस. एच. कपाड़िया 12 मई, 2010 से 28 सितंबर, 2012
39 अल्तमस कबीर 29 सितम्बर, 2012 से 18 जुलाई, 2013
40 पी. सदाशिवम 19 जुलाई, 2013 से 26 अप्रैल, 2014
41 आर. एम. लोढ़ा 27 अप्रैल, 2014 से 27 सितंबर, 2014
42 एच. एल. दत्तू 28 सितंबर, 2014 से 2 दिसंबर, 2015
43 टी. एस. ठाकुर 3 दिसंबर, 2015 से 3 जनवरी, 2017
44 जगदीप सिंह खेहर 4 जनवरी, 2017 से 27 अगस्त, 2017
45 दीपक मिश्रा 28 अगस्त, 2017 से 1 अक्तूबर, 2018
46 रंजन गोगोई 2 अक्तूबर, 2018 से 17 नवंबर, 2019
47 शरद अरविंद बोबड़े 18 नवंबर, 2019 से 23 अप्रैल, 2021
48 एन. वी. रमना 24 अप्रैल, 2021 से 26 अगस्त, 2022
49 यू. यू. ललित 27 अगस्त, 2022 से 9 नवंबर 2022
50 धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ 9 नवंबर, 2022 से अब तक

वर्तमान मुख्य न्यायाधीश

वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ हैं। उन्होंने 9 नवंबर 2022 में इस महत्वपूर्ण पद की शपथ ली और तब से भारतीय न्यायपालिका के संचालन और दिशा-निर्देशन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके कार्यकाल के दौरान, न्यायपालिका में कई सुधार और नवाचार देखने को मिले हैं, जिनमें डिजिटल न्यायालयों का विस्तार और त्वरित न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने के उपाय शामिल हैं।

धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने कई महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों में निर्णय सुनाए हैं, जिनका असर पूरे देश पर पड़ा है। उनकी प्राथमिकता न्याय प्रणाली में पारदर्शिता लाना, मामलों के तेजी से निपटान को सुनिश्चित करना और न्यायालय में तकनीकी सुधारों को बढ़ावा देना रही है। वर्तमान न्यायपालिका के नेतृत्व में भारत की न्याय प्रणाली नई ऊँचाइयों को छू रही है, और न्याय तक पहुँच को और सुलभ बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

अंतिम शब्द

भारत के मुख्य न्यायाधीश न केवल न्यायालय के प्रमुख होते हैं, बल्कि भारतीय संविधान के संरक्षक भी होते हैं। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद से भारतीय न्यायपालिका की दिशा और दशा निर्धारित की है। उनके नेतृत्व में न्यायपालिका ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं जो भारत के कानूनी इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं।

भारत के मुख्य न्यायाधीशों की सूची का अध्ययन करना न केवल न्याय प्रणाली को समझने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि कैसे न्यायपालिका ने समय-समय पर संविधान की रक्षा की है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश कौन थे?

Ans: भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश एच. जे. कनिया थे, जिन्होंने 1950 में इस पद को संभाला।

2. सबसे लंबे समय तक मुख्य न्यायाधीश के रूप में किसने सेवा दी?

Ans: सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य न्यायाधीश वाई. वी. चंद्रचूड़ थे, जिन्होंने 1978 से 1985 तक सेवा दी।

3. वर्तमान मुख्य न्यायाधीश कौन हैं?

Ans: वर्तमान में डी. वाई. चंद्रचूड़ 2024 के मुख्य न्यायाधीश हैं।

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Saleem Khan
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